मध्यप्रदेश (madhya pardesh) में बीजेपी (bjp) की सत्ता वापसी का श्रेय जिसे जाता है उस नेता ने सबसे पहले अपने ट्विटर (twitter) अकाउंट से काँग्रेस (congress) का परिचय हटाया था। उसके बाद जो हुआ वो पूरे भारत ने देखा। शिवराज सिंह चौहान (shiv raj singh chauhan) एक बार फिर मध्यप्रदेश (mp) के सीएम (cm) बने। ज्योतिरादित्य सिंधिया (jyotiraditya scindia) अब बीजेपी में बड़े नेता हैं।
लेकिन अब ऐसा लगता है कि यूपी (up) में भी काँग्रेस (congress) का गढ़ कही जाने वाली सीट अब काँग्रेस (congress) से छिनने वाली है। बता दें कि रायबरेली (Raebareli) सदर विधायक अदिति सिंह (aditi singh) ने भी अपने टिवीटर अकाउंट से काँग्रेस का नामोनिशान मिटा दिया है।
हालांकि अदिति सिंह (aditi singh) ने अभी इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन बीते दिनों अदिति सिंह की काँग्रेस पर की गई टिप्पड़ी से काँग्रेस आलाकमान बहुत खफ़ा हैं।
रायबरेली (Raebareli) सदर विधायक अदिति सिंह (aditi singh) ने बीते दिनों इंडिया वेव के वरिष्ठ संवाददाता आशुतोष वत्स से ख़ास बातचीत में कहा था कि, 'मुझे भी मीडिया से ही पता चला है कि मुझे पार्टी से निलंबित किया गया है, लेकिन अभी तक मुझे कोई लिखित नोटिस नहीं मिला है।
मैं अभी तक जनता कि सेवा करती आई हूं। जिसे मेरा ट्रैक रिकॉर्ड चेक करना है वो सीधे आकर रायबरेली कि जनता से पूछ ले। मैं एक छोटे से क्षेत्र कि विधायक हूं, न्यूज़ में बने रहने का मेरा कोई मकसद नहीं है। मैंने हमेशा सच बोला है और अपने क्षेत्र का विकास किया है'।
कांग्रेस पार्टी के खिलाफ काम करने के आरोपों का जवाब देते हुये अदिति ने कहा कि अगर मैं पार्टी विरोधी हूं तो कैसे एकलौती सीट जीती है। खासतौर से लोकसभा सीट कैसे जीती है। जो लोग मेरे ऊपर पार्टी विरोधी काम करने का आरोप लगा रहे हैं वो खुद को देखें। सोनिया गांधी (sonia gandhi) मेरे क्षेत्र से जीत कर गईं हैं, सबसे ज्यादा वोट उनको मेरे विधानसभा क्षेत्र से मिले हैं। किसी अन्य विधानसभा क्षेत्र से उनको उतने वोट नहीं मिले है।
कांग्रेस पार्टी (congress party) ने मेरी शादी के रिसेप्शन के अगले ही दिन मुझे नोटिस भेजा था, जब मेरी खुशी में आप इतना सख्त कदम उठाते हैं तो मैं क्या कहूं। लेकिन मैं सोनिया गांधी का बहुत सम्मान करती हूं। वो एक आदरणीय महिला हैं।
आपको बता दें कि कोरोना (covid19) संकट के बीच प्रवासी मजदूरों को उनके घर वापस भेजने के लिए कांग्रेस पार्टी की तरफ से उत्तर प्रदेश (uttar pradesh) की योगी सरकार (yogi adityanath) को 1000 हजार बसों को भेजने का प्रस्ताव भेजा गया था।

