तो आइये जानते हैं नेहरु गांधी परिवार की सच्चाई –
इंदिरा गांधी के पिता जवाहर लाल नेहरू थे, जिसका जन्म इलाहाबाद में वेश्याओं के मोहल्ले में हुआ था।
नेहरु परिवार के लिए कहा जाता है कि यह इस्लामी परिवार था, जिसने बाद में धर्म परिवर्तन किया लेकिन अपनी गंदी सोच परिवर्तित नहीं कर सके। कई महिलाओं से जवाहर लाल नेहरू के अवैध संबंध की बात भी सुनने को और पढ़ने को मिलती है, जिनमें माउंटबेटन एडविना, तेजी जो इंदिरा की सहेली थी, सरोजिनी नायडू की बेटी पद्मजा नायडू और बनारस की एक संन्यासिन शारदा का नाम शामिल है। तेजी का विवाह हरिवंश राय बच्चन से कराया गया और उनको रिसर्च कार्य हेतु विदेश भेज दिया गया। हरिवंश राय बच्चन के वापस आने यानि करीब दस साल तक तेजी जवाहर लाल नेहरू के साथ प्रधानमंत्री आवास में रही।
केथरीन फ्रेंक की पुस्तक “The Life of Indira Nehru Gandhi” के अनुसार इंदिरा गांधी के भी कई नाजायज संबंध रहे, जिसका वर्णन इस पुस्तक में लिखा है। इंदिरा ने अपनी मर्ज़ी से फ़िरोज़ से निकाह किया, फ़िरोज़ इंदिरा के दादा यानी मोतीलाल नेहरु के हवेली में काम करने वाले नौकर पारसी नवाब खान का बेटा था।
इनका विवाह लंदन के मस्जिद में किया गया और बाद में इंदिरा का नाम मैमुना बेगम रख दिया गया।भारत में इंदिरा को स्थान दिलाने के लिए महात्मा गांधी ने इंदिरा को गोद लिया। महात्मा गांधी और जवाहर लाल नेहरु दोनों ही घनिष्ट मित्र थे।
इंदिरा और फ़िरोज़ के निकाह के लिए महात्मा गांधी ने ही सबको राज़ी किया लेकिन इस निकाह को क़ानूनी मान्यता नहीं मिली थी। कानूनी तौर पर इनका विवाह अवैध घोषित कर दिया गया था बाद में इंदिरा से फ़िरोज़ के संबंध ख़राब हो गए, इसलिए फ़िरोज़ इंदिरा को छोड़ कर दूसरा विवाह करना चाहते थे, परंतु उसी दौरान हार्ट अटैक आने से उनकी मौत हो गई।
इंदिरा से फ़िरोज़ के तलाक और दूरी का कारण इंदिरा के नाजायज संबंध भी बताये जाते हैं।
The Life of Indira Nehru Gandhi” के अनुसार इंदिरा का प्रथम नाजायज संबंध जर्मन अध्यापक से था। इसके अलावा पिता जवाहर के सचिव एम. ओ. मैथई से भी इंदिरा की लव स्टोरी चर्चा में रही। योग गुरु धीरेन्द्र ब्रह्मचारी, विदेश मंत्री दिनेश सिंह. इनके अलावा और भी कई लोगों के साथ इंदिरा के नजायज संबंध की बात कई किताबों में लिखी गई है।
कहा जाता है कि महात्मा गांधी ने फ़िरोज़ को भी इंदिरा से विवाह करने के लिए अपनी जाति गांधी देते हुए गोद लिया परन्तु क़ानूनी तौर पर गोद नहीं लिया था। सत्य क्या है यह बता पाना मुश्किल है क्योंकि अगर दोनों को गोद लिया तो दोनों भाई बहन बन जायेंगे, और अगर इंदिरा को लिया तो इंदिरा का विवाह फ़िरोज़ से होने के बाद वह गांधी नहीं खान हो जाती और फ़िरोज़ को गोद लिया तो उसका क़ानूनी तौर पर कोई प्रमाण नहीं था, इसलिए किसी भी हालत में गांधी जाति लगाने का कोई मतलब नहीं।
वास्तव में इंदिरा को सत्ता में लाने और बनाए रखने के लिए गांधी जाति का उपयोग करवाया गया ताकि राजनीति में मज़बूती लंबे समय तक बरकरार रह सके।
नटवर सिंह की पुस्तक “Profile and Letters” जिसमें लिखा है कि 1968 में जब इंदिरा प्रधानमंत्री थीं, तब अफगानिस्तान की आधिकारिक यात्रा के दौरान नटवर सिंह उनके साथ बतौर अधिकारी मौजूद थे।
इंदिरा सैर के लिए बाबर की दरगाह पहुंची, वहां इंदिरा गांधी ने नटवर सिंह को कहा कि आज वो अपने इतिहास से मिल के आई हैं. जो यह सिद्ध करता है कि नेहरू-गांधी वंश मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखते थे, तभी बाबर की दरगाह को अपना इतिहास बताया।
इंदिरा गांधी के दो बेटे राजीव गांधी व संजय गांधी थे. जिनके विषय में जे. एन. राव द्वारा लिखी पुस्तक The Nehru Dynasty” में लिखा है कि संजय फ़िरोज़ के संतान नहीं थे, इसमें लिखा है कि संजय का जन्म मोहम्मद युनुस और इंदिरा के नाजायज संबंध से हुआ था।
युनुस की लिखी पुस्तक “Persons, Passions & Politics” के अनुसार संजय का मुस्लिम धर्म और मान्यतानुसार खतना करवाया गया था।
संजय अपनी मां इंदिरा से बहुत नफरत करते थे और संजय ने इंदिरा को एक बार 6-7 थप्पड़ भी मारे थे जो मिडिया में सामने आई थी।
एन. राव की पुस्तक “The Nehru Dynasty” के अनुसार राजीव गांधी ने एक कैथलिक लड़की से विवाह के लिए कैथलिक धर्म अपना लिया और अपना नाम रॉबर्ट रख लिया।
डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी की पुस्तक “Assassination Of Rajiv Gandhi-Unasked Questions and Unanswered Queries” के अनुसार सोनिया गांधी का वास्तविक नाम अन्तोनिया मायनो था, सोनिया के पिता को रूस में 5 वर्षो के लिए कारावास हुआ था और सोनिया कैम्ब्रिज के होटल में वेट्रेस थी. इसके अलावा सोनिया के जीवन से जुड़े कई रहस्य और बातें इस पुस्तक में लिखी गई है।
लेखको और विचारको के अनुसार गांधी परिवार का जीवन और इतिहास बहुत काला रहा है और सत्ता में अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए गांधी जाति का उपयोग किया जा रहा है।
- ये है नेहरु गांधी परिवार का रहस्य और इतिहास!
