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आज़म के बाद अब अखिलेश की बारी, हज हाउस बनाने में लूट का मामला, SIT जांच कराएगी योगी सरकार


समाजवादी सरकार के दौरान में हुए दो औऱ निमार्णों पर अब जांच की आंच आ गई है. लखनऊ और गाजियाबाद हज हाउस के निर्माण में सरकारी पैसे के दुरूपयोग का आरोप लगा है. मामले की गंभीरता को देखते हुए योगी आदित्यनाथ सरकार ने इसकी एसआईटी (SIT) से जांच कराने का फैसला किया है. 

बता दें कि लखनऊ हज हाउस का निर्माण वर्ष 2004 से 2006 की मुलायम सरकार में तथा गाजियाबाद हज हाउस का अखिलेश सरकार में हुआ था. सपा की इन दोनों सरकारों में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद आजम खां ही थे.

इस बाबत प्रदेश सरकार के विशेष सचिव अनिल कुमार सिंह पहले ही एसआईटी के डीजी को पत्र भेज चुके हैं. पत्र में कहा गया है कि गाजियाबाद के आला हजरत हज हाउस और लखनऊ के मौलाना अली मियां मेमोरियल हज हाउस के निर्माण में जरूरत से ज्यादा धनराशि खर्च हुई. उसके बाद भी पाई गई कमियां दूर नहीं करवाई गईं. इस निर्माण में सरकारी धन के दुरुपयोग की भी आशंका जताई गई है. इस पत्र में दो महीने के अन्दर जांच रिपोर्ट मांगी गयी है.

बता दें कि इन दोनों हज हाउसों का निर्माण समाजवादी पार्टी की दो सरकारों के कार्यकाल में हुआ. लखनऊ हज हाउस का निर्माण वर्ष 2004 से 2006 की मुलायम सरकार के कार्यकाल में हुआ था. 

उसी समय गाजियाबाद में हिंडन नदी के किनारे हज हाउस के लिए जमीन ली गई थी. मगर उस पर मुकदमा दायर हो गया था, फिर जब 2012 में सपा की सरकार में अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बने तो गाजियाबाद हज हाउस का निर्माण पूरा हुआ. सपा की इन दोनों सरकारों में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद आजम खां ही थे.

अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के मंत्री रहे आजम खां की सरपरस्ती में खूब धांधलियां हुईं हैं. पूरे प्रकरण की जांच एसआइटी को सौंपी गयी है. दोषियों की जवाबदेही तय कर कार्रवाई की जाएगी.

अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तहत परियोजनाओं की भी एसआइटी जांच कराने का निर्णय लिया है, जो निर्माण के लिए पर्याप्त धनराशि निर्गत होने के बाद भी अधूरी पड़ी हैं. 

उन्होंने कहा कि 11वीं पंचवर्षीय योजना (वर्ष 2007-2012) एवं 12वीं पंचवर्षीय योजना (2012-2017) में प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम की कार्यदायी संस्था सीएंडडीएस द्वारा दोनों किस्तों की धनराशि प्राप्त करने के बावजूद कार्य पूरा नहीं किया. नंदी ने शिथिलता व सरकारी धन का दुरुपयोग करने वाले अधिकारियों व अभियंताओं को चिन्हित कर परियोजना का कार्य पूर्ण कराने में आने वाले अतिरिक्त व्यय की धनराशि की वसूली उनके वेतन से करने को कहा है


source https://www.dailynv.com/2020/09/sit.html