🔔 Special Update: Find Your 🌙 Moon Sign Learn More

भारत-चीन सीमा झड़प: चीन के नुक़सान पर उनके यहां की मीडिया ने कह दी बड़ी बात ?

चीन का आधिकारिक मीडिया भारत और चीन के सैनिकों के बीच उत्तरी हिमालय में 15 जून को हुई हिंसक झड़प के लिए भारत को ज़िम्मेदार ठहरा रहा है.

वहीं, चीनी मीडिया उसके पक्ष की ओर हुए नुक़सान पर चुप है और भारत के साथ सख़्ती से निपटने के लिए कह रहा है.

चीन के आधिकारिक बयान के अलावा अधिकतर मीडिया सीधे-सीधे संघर्ष पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहा है, जिसमें भारत के 20 जवानों की मौत हुई है.

सरकारी दैनिक अख़बार ग्लोबल टाइम्स ने भारत को चेतावनी देते हुए कहा है कि वह सीमा पर अपने जवानों को नियंत्रण में रखे क्योंकि चीन सैन्य मामलों में भारत से श्रेष्ठ है.

भारत-चीन का यह संघर्ष ट्विटर की तरह चीन के सोशल मीडिया वेबसाइट वीबो के ट्रेंडिंग टॉपिक में भी नहीं आया.

हालांकि, वीबो यूज़र्स ने हताहतों पर चीन की चुप्पी पर सवाल खड़े किए और कुछ ने भारत से बदला लेने की बात कही.

मई की शुरुआत में लद्दाख में दोनों देशों के जवानों के बीच धक्का-मुक्की और पत्थर फेंकने की घटना सामने आई थी जिसके बाद से चीन का विदेश मंत्रालय बार-बार कह रहा था कि सीमा पर स्थिति ‘स्थिर और नियंत्रित’ है और दोनों देश बातचीत के ज़रिए तनाव सुलझा रहे हैं.

सोमवार को हुई हिंसक झड़प के लिए चीन ने भारत को ज़िम्मेदार ठहराया है.

आधिकारिक प्रतिक्रिया

चीन का घरेलू सरकारी मीडिया देश के बाहर के लोगों को ट्विटर और अंग्रेज़ी भाषा के अन्य माध्यमों के ज़रिए जो सूचना दे रहा है वो बेहद अलग है.

सत्ताधारी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के अख़बार पीपल्स डेली के 17 जून के अंक में और सरकारी टीवी चैनल चाइना सेंट्रल टेलीविज़न (सीसीटीवी) पर 16 जून को प्रसारित हुए शाम के घरेलू न्यूज़ बुलेटिन में झड़प का कोई ज़िक्र नहीं था.

17 जून को चीन की सरकारी वेबसाइट ग्लोबल टाइम्स ने विदेश मंत्री वांग यी के कथन को वेबसाइट पर जगह दी, जो उन्होंने अपने भारतीय समकक्ष एस. जयशंकर से कही थी.

वेबसाइट में कहा गया है कि वांग यी ने झड़प के लिए भारतीय सैनिकों को ज़िम्मेदार ठहराया है और उन्होंने भारत से सीमा पर तनाव कम करने के लिए पिछली सहमतियों का पालन करने के लिए कहा है.

ग्लोबल टाइम्स की अंग्रेज़ी रिपोर्ट के अनुसार, 16 और 17 जून को चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान प्रेस कॉन्फ़्रेंस करने आए और उन्होंने भारतीय सेना पर सीमा पार करके झड़प के लिए उकसाने और चीनी सैनिकों पर हमला करने का आरोप लगाया लेकिन वो चीनी पक्ष की ओर किसी भी हानि पर चुप रहे.

16 जून को की गई झाओ की टिप्पणी विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर नहीं थी और न ही घरेलू चीनी भाषा के मीडिया ने उसे अपने यहां जगह दी थी.

हालांकि, सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ और दूसरे आधिकारिक घरेलू मीडिया ने 16 जून का कर्नल जांग शुली का बयान ज़रूर लिया था. कर्नल शुली तिब्बत मिलिट्री क्षेत्र के प्रवक्ता हैं जो भारत के साथ लगती सीमा की देखरेख करती है.

शुली ने भारतीय सैनिकों पर विवादित सीमा को ‘अवैध’ तरीक़े से पार करने और चीनी जवानों पर ‘भड़काऊ’ हमले करने का आरोप लगाया.

वहीं, सीसीटीवी ने 17 जून को एक रिपोर्ट की थी जिसमें चीनी सेना हाल में तिब्बती पठार पर एक हाई-एल्टिट्यूड अभ्यास कर रही है, जो मई के बाद भारत के साथ लगती सीमा में एक नया सैन्य अभ्यास है.