नेशनल लॉकडाउन के चलते कई पुराने शोज का प्रसारण टीवी पर हो रहा है. 28 मार्च को बी आर चोपड़ा के धारावाहिक महाभारत का प्रसारण डीडी भारती पर हुआ था. इस शो की सफलता का आलम ये है कि अब इस धारावाहिक को कलर्स टीवी, स्टार भारत और डीडी रेट्रो पर दिखाया जा रहा है. महाभारत सबसे पहले साल 1988 में रिलीज हुआ था लेकिन 32 साल बाद भी इस पौराणिक सीरियल के बेहतरीन किरदार लोगों के जहन में बसे हुए हैं।
ऐसा ही एक किरदार है कर्ण का. इस भूमिका को पंकज धीर ने निभाया था. पंकज ने हाल ही में शो की सफलता और अपने किरदार के बारे में बात की. उन्होंने कहा कि महाभारत की सफलता के पीछे कई शानदार लोगों का हाथ है. हमारे पास पंडित नरेंद्र शर्मा और राही मासूम रजा जैसे लेखक थे जिन्हें रवि चोपड़ा और बी आर चोपड़ा जैसी शख्सियतों ने सपोर्ट किया था. इसके अलावा इस शो की कास्टिंग भी काफी अच्छी थी।
मंदिर में बनी है पंकज की 8 फीट की मूर्ति
पंकज धीर ने अपने किरदार के बारे में बात करते हुए कहा, 'लोग इतने सालों से मुझे लगातार प्यार करते आए हैं. इसका क्रेडिट महाभारत शो को जाता है. अगर स्कूल की इतिहास की किताबों में जहां कर्ण का जिक्र आता है, वहां मेरी फोटो का इस्तेमाल किया गया है।
जब तक स्कूलों में यह किताबें छपती रहेंगी, मेरा जिक्र उनमें रहेगा और मैं प्रासंगिक रहूंगा. कर्ण मंदिर में मेरी पूजा की जाती है. ऐसे दो मंदिर हैं, जहां रोजाना पूजा होती है. मैं उन दो मंदिरों में गया भी था. एक मंदिर करनाल में है और दूसरा बस्तर में. वहां कर्ण के तौर पर आठ फुट की मूर्ति है, जिस पर लोग पूजा करने आते हैं।
लोगों ने मुझे कर्ण के तौर पर स्वीकारा: पंकज धीर
उन्होंने आगे कहा कि जब भी मैं वहां जाता हूं, लोगों का बहुत प्यार मिलता है. उन्होंने मुझे कर्ण के तौर पर स्वीकार किया है. इसलिए दूसरों के लिए इस रोल को निभाना बहुत ही मुश्किल बन पड़ा है. मुझे महाभारत के अन्य शोज में कई तरह के रोल ऑफर हुए लेकिन मैंने मना कर दिया. मैंने कर्ण का रोल निभाया, मेरे लिए ये काफी है।
मैं अन्य किरदारों से भी पैसे कमा सकता हूं. लेकिन मैं अपने फैन्स को कन्फ्यूज नहीं करना चाहता. ये मेरे फैन्स के साथ न्याय नहीं होगा.' बता दें कि कुछ समय पहले टीवी पर जब महाभारत में कर्ण के किरदार का निधन हुआ था तो पंकज धीर सोशल मीडिया पर ट्रेंड भी करने लगे थे और कई सोशल मीडिया यूजर्स ने उन्हें महाभारत का सबसे बेहतरीन योद्धा भी माना था।
