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Peta की Amul को बेतुकी नसीहत

खबर :

पेटा इंडिया ने अमूल भारत को सलाह दी हैं की अब समय आ गया हैं की वो वेगन मिल्क का उत्पादन बडाये और डेरी मिल्क का उत्पादन बंद करे |

जिस पर अमूल के प्रबंध निदेशक बलबीर सिंह सोडी जी ने कहा की यदि हम ऐसा करेंगे तो करोडो लोगो का रोजगार छिन जायेगा अतः हम यह नहीं कर सकते |

स्त्रोत :

Vegan Milk: पेटा ने अमूल से कहा वीगन मिल्क पर करें स्विच, अमूल ने क्यों दिया मुंहतोड़ जवाब
देश की सबसे बड़ी डेयरी कंपनी अमूल (Amul) ने कहा है कि प्लांट बेस्ड डेयरी (plant based dairy) प्रोडक्ट पर शिफ्ट होने के बाद देश के करोड़ों लोगों को रोजगार (Job) उपलब्ध कराने में कैसे मदद मिलेगी? इसके साथ ही अमूल ने पेटा पर जोरदार हमला बोला है।

आइये अब इस खबर की बाल की खाल निकलते हैं 😉

पहले तो यह समझते हैं की इस वेगन मिल्क का क्या फंडा हैं और यह डेरी मिल्क से अलग कैसे हैं :

वेगन मिल्क वो मिल्क होता हैं जो पोधो से बनाया जाता हैं | उदाहरण के लिए,

  • आप बादाम को पानी में भिजो ले | नरम पड़ जाने छिलके उतार कर आवशयकता अनुसार पानी के साथ मिक्सी में डाल कर पेस्ट बना ले | एक कपडा लेकर इस पेस्ट से रस निकाल लें | यह बन गया बादाम वेगन मिल्क |
  • आप नारियल को काट कर उसका पानी मिक्सी के जार में नितार ले | नारियल को छिलने से छील कर मिक्सी में डाल दे | इस मिश्रण में आवशयकता अनुसार पानी मिला कर इसका पेस्ट बना ले | इस पेस्ट को एक कपडे में ले कर इसका रस निकाल ले | आपका नारियल वेगन मिल्क तैयार हैं |

अब आप समझ गए होंगे की वेगन मिल्क क्या होता हैं | इसी प्रकार सोयाबीन, चावल, काजू, आदि से भी वेगन मिल्क बनाया जाता हैं |

दूसरी तरफ गाय, बकरी, गधी, घोड़ी, ऊट्नी, भेस, आदि दुधारू पशुओं से जो दूध प्राप्त होता है उसे डेरी मिल्क बोलते हैं |

अब ये पेटा इंडिया कौन हैं :

पेटा इंडिया पेटा इंटरनेशनल की भारतीय इकाई हैं |

इसका पूरा नाम हैं पशुओं के साथ नैतिक व्यवहार के पक्षधर लोग ( People for the Ethical Treatment of Animals ) |

एक पशु-अधिकार संगठन है। इसका मुख्यालय संयुक्त राज्य अमेरिका के वेर्जिनिया के नॉर्फोल्क (Norfolk) में स्थित है। विश्व भर में इसके लगभग २० लाख सदस्य हैं और यह अपने को विश्व का सबसे बड़ा पशु-अधिकार संगठन होने का दावा करता है।

अब समझते हैं की पेटा इंडिया ने ये मुफ्त की सलाह क्यों दी हैं अमूल को :

पहले तो ये भी जान ले की पेटा इंडिया ने अमूल को सिर्फ सलाह ही नहीं दी बल्कि उसके खिलाफ एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल ऑफ इंडिया या एएससीआई (ASCI) में केस भी किया था जिसमे उसकी याचिका को ही ख़ारिज कर दिया गया | तत्पश्चात पेटा इंडिया द्वारा इस मुफ्त की सलाह को देने की रस्म अदायगी की गई हैं ट्विटर पर |

पेटा के अनुसार डेरी मिल्क पोष्टिक नहीं होता जबकि भारत में हम सहस्त्राब्दियों से इसका सेवन करते आ रहे हैं | पहलवान भी गाड़े दूध बादाम आदि का सेवन अपनी सेहत बनाने के लिए हमेशा से करते आये हैं |

इस सलाह के पीछे का मूल उद्देश अमरीकी कम्पनीज को पिछले दरवाजे से भारतीय दुग्ध बाजार में प्रवेश करवाना हैं |

भारत में अमरीकी दुग्ध उत्पाद प्रतिबंधित हैं क्यूंकि वहां दुधारू पशुओ को मॉस मिला हुआ खाना दिया जाता हैं क्यूंकि उसमे फैट की मात्र अधिक होती हैं | शायद अब तक अमरीकी कंपनियों को समझ आ चुका हैं की वो ऐसे ही भारतीय बाजार में नहीं घुस सकते | वो ये भी जानते हैं की भारत में शाकाहारी लोगो की संख्या बहुत अधिक हैं और यह लोग ही दूध का सर्वाधिक सेवन भी करते हैं | अतः शाकाहार के नाम पर भारत में वेगन मिल्क को प्रमोट किया जा रहा हैं |

अमरीकी दुग्ध उत्पादक इस बात से भी दुखी हैं की अमूल दुनिया की सबसे बड़ी २० डेरी कंपनी में शामिल हो चुकी हैं | आपको लग रहा होगा की हमारे दुनिया के सबसे बड़े दूध उपार्जक और उपभोक्ता होने के बाद भी सिर्फ भारत से सिर्फ अमूल ही क्यूँ हैं दुनिया की टॉप २० डेरी कंपनी में, तो इसका कारण हैं की हमारे देश में बहुत सी छोटी छोटी ७ करोड़ ५० लाख से भी ज्यादा डेरी हैं | यह भी एक विश्व में सबसे ज्यादा हैं | हमारे बाद पोर्किस्तान आता हैं जहाँ १ करोड़ ४० लाख से ज्यादा डेरी हैं |

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अमूल के प्रबंध निदेशक बलबीर सिंह सोडी जी ने करोडो रोजगार छिन जाने की बात क्यों कही :

भारत में करोडो किसान दुधारू पशुओ को रखते हैं | वे ये दूध विभिन्न डेरी संस्थाओ को बेचते हैं | इन संस्थाओ में से अमूल सबसे पुरानी, प्रतिष्ठित और बड़ी संस्था हैं | लाखो लोग इस दूध को डेरी तक पहुचने के काम में भी लगे हैं | यदि इन संस्थाओ ने डेरी मिल्क को खरीदना बंद कर दिया तो देश भर में करोडो लोगो का रोजगार छिन जायेगा |

वेगन मिल्क को बनाने के लिए बड़ी बड़ी कारखानों की जरुरत होती हैं ना की करोडो लोगो की |

हमने हाल में आंकड़ो में भी देखा हैं की किसानो को खेती से अधिक आय दूध बेचने से होती हैं | छोटे किसानो की दशा वैसे ही ख़राब हैं देश में, जब दूध का रोजगार भी उनसे छीन लेंगे तो उनकी क्या दशा होगी ये आप समझ ही सकते हैं |

क्या वेगन मिल्क के उत्पादन में सिर्फ रोजगार ही एकमात्र रोड़ा हैं :

वेगन मिल्क डेरी मिल्क से तीन से छह गुना तक महंगा होता हैं | यह इस बात पर निर्भर करता हैं की उसे किस चीज से बनाया गया हैं | जैसे बादाम वेगन मिल्क महंगा होता हैं और सोया वेगन मिल्क सस्ता होता हैं | यदि डेरी मिल्क हटा कर सिर्फ वेगन मिल्क ही दिया जाएगा तो रोज दूध पीना और खीर, रबड़ी जैसे व्यंजन सामान्य लोगो की थाली से ही हट जायेंगे |

आप क्या कर सकते हैं :

आप चाहे तो नीचे दिए गए पेटा इंडिया के ट्विटर हैंडल पर जाकर उनसे पूछे की पेटा तब कहा जाता हैं जब :

  • अमरीका में दुनिया का २१% बीफ खाया जाता हैं |
  • अमरीका में शाकाहारी पशुओ को मॉस युक्त भोजन दिया जाता हैं |
  • भारत में बीफ पर प्रतिबन्ध नहीं लगाया जाता |
  • ईद पर करोडो बकरों की गर्दन काट दी जाती हैं |