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Yogi Adityanath Birthday Special: संन्यासी से मुख्यमंत्री तक के सफर पर नजर


भगवा वस्‍त्रधारी, हिंदुत्‍व का झंडा बुलंद करने वाले और वर्तमान में उत्तर प्रदेश की कमान संभाल रहे सीएम योगी आदित्‍यनाथ का आज (5 जून) जन्‍मद‍िन (Yogi Adityanath Janmdin Vishesh) है। उत्तर प्रदेश की 20 करोड़ से अधिक जनता को सुरक्षित रखने के लिए दिन-रात एक करने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) आज 48 साल के हो गए हैं। गोरखपुर से पांच बार सांसद रहे और गोरखनाथ पीठ के अध्यक्ष योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने प्रदेश की कमान 2017 के विधानसभा चुनाव में मिली अप्रत्याशित जीत के बाद संभाली है।

बेबाक अंदाज और कठोर छवि के लिए मशहूर योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) का जन्म उत्तराखंड में हुआ। वर्तमान में योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के नाम से जाने और दुनिया भर में पहचाने जाने वाले संन्यास जीवन में आने से पहले अजय कुमार विष्ट हुआ करते थे। 

5 जून 1972 को योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) का जन्म पौड़ी जिला स्थित पंचूर गांव में हुआ। बता दें सीएम योगी आदित्यनाथ पूर्वाश्रम का जन्मदिन नहीं मनाते हैं। वैसे गोरखपुर में आने से लेकर मुख्यमंत्री बनने तक का सफर बेहद संघर्षमय  रहा है। 


फरवरी 1994 में ली थी योगी की दीक्षा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) 1994 में 15 फरवरी को योगी पंत की दीक्षा ली और इसके बाद वह आदित्यनाथ बन गए थे। योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) हिन्दुत्व की रक्षा करने वाले संगठन हिंदू युवा वाहिनी संगठन के संस्थापक भी हैं। 

उनके नेतृत्व में संचालित संगठन हिंदू युवाओं का सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रवादी समूह है और उनके विकास के लिए निरतंर काम भी कर रहा है। योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने गढ़वाल स्थित हेमवती नंदन बहुगुणा यूनिवर्सिटी से गणित से बीएससी की है। 
योगी आदित्यनाथ पहली 1993 में गोरक्षनाथ मंदिर पहुंचे थे और जब उन्होंने योगी की दीक्षा ली, उस समय विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे अशोक सिंघल भी मौजूद थे। 


महज 26 साल की उम्र में चुने गए सांसद
गोरखनाथ मंदिर की कमान संभालने के बाद उन्होंने चुनाव भी लड़ा और 1998 में पहली बार जब 12वीं लोकसभा (1998-99) के लिए योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) चुने गए तो सबसे कम 26 साल की उम्र के सांसद थे। 

वह गोरक्षपीठाधीश्वर रहे ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ के शिष्य हैं। उनकी मृत्यु के बाद वह गोरक्षपीठाधीश्वर बने। वह पहली बार गोरखपुर से 1998 में चुनाव लड़े थे। 

पहली ही बार में वह चुनाव जीते और मार्च 2017 तक योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) गोरखपुर से सांसद रहे और हर बार उनकी जीत का आंकड़ा बढ़ता ही गया। 2017 में उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।

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मुस्लिमों की मदद को आगे रहे योगी
हिन्दूवादी नेता माने जाने वाले योगी आदित्यनाथ के जिंदगी के पन्नों में ऐसी कई कहानियां मिलेंगी जो कि आपके मन का भ्रम दूर हो जाएगा कि वह मुस्लिमों से नफरत करते हैं। 

गोरखपुर में जब वह सांसद थे उसी दौरान योगी आदित्‍यनाथ (Yogi Adityanath) को पता चला कि बलदेव प्लाजा मार्केट में एक मुसलमान दर्जी से फिरौती की मांग की शिकायत पर पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है तो उन्होंने फैसला किया कि वह पुलिसिया रवैये के खिलाफ सड़क पर धरना देंगे। गर्मी की उस दोपहर उनके एक करीबी ने उन्हें समझाया भी- अरे छोड़िए, कहां एक मुसलमान के पीछे धरना देंगे। 

योगी जी (Yogi Adityanath) ने कहा- वह व्यापारी पहले है। योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) तपती सड़क पर धरने में बैठ करें और करीब तीन घंटे चला और तभी खत्म हुआ जब पुलिस ने आरोपी को पकड़ लिया। इसके अलावा 2014 में पुराने गोरखपुर इलाके में अंसारी समुदाय के लोग जामा मस्जिद की ओर जाने वाली सड़क बंद किए जाने को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। 

वहां पर प्रदर्शन करने वाले सत्तारूढ़ सपा सरकार का करीबी था। इसके बाद अंसारी समुदाय के लोग सड़क पर धरना देने लगे और पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया। इसके बाद वह लोग योगी जी (Yogi Adityanath) से मिले और उन्होंने का पूरा आश्वासन दिया। उन्होंने सड़क बनी अनाधिकृत दीवार को गिरवा दिया और मस्जिद की ओर जाने का रास्ता खुल गया।  


इसके अलावा मिर्जापुर इलाके से एक युवती शिकायत लेकर गोरखपुर मंदिर पहुंची। उसने बताया कि उसका पति सऊदी अरब में रहता है और वहीं पर दूसरी शादी कर ली है। जब विरोध किया तो तलाक का नोटिस भिजवा दिया गया। यही नहीं, युवती ने कई मौलानाओं से गुहार भी लगाई, लेकिन मदद नहीं की। 

जब वह मंदिर पहुंची तो उन्होंने तत्काल एसएसपी और उस जोन के आईजी से बात की। इसके बाद युवती के पति के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई और स्वदेश वापस लौटते ही उसके पति की गिरफ्तारी हुई। यही नहीं, ऐसा भी कहा जाता है उन्होंने (Yogi Adityanath) गोरखुपर के राहुपुर कॉलोनी में मदरसे की जमीन कब्जा को मुक्त भी कराया।

इस जमीन को कुछ दंबगों ने कब्जा कर लिया था। मदरसा के लोगों जब मंदिर की शरण में गए, तो वहां से उन्हें न्याय मिला। उन्होंने (Yogi Adityanath) तत्काल में एसएसपी से बात की और उन्हें एक घंटे में जमीन खाली कराने का निर्देश दिया।