भारत-चीन के तनाव के बीच चीन को दलाई लामा ने जोरदार तमाचा मारा है, चीन लगातार बयानबाजी कर रहा है की भारत ने उसके लद्दाख और अरुणांचल पर कब्ज़ा कर रखा है ।
चीन की फितरत में ही झूठ और फरेब है और उसके तहत वो दुनिया भर से कह रहा है की लद्दाख और अरुणांचल तो चीन के ही हिस्से है जिसपर भारत ने ही कब्ज़ा कर रखा है ।
चीन के इस क्लेम को लेकर दलाई लामा सामने आये और उन्होंने कहा है की - भारत के साथ तो चीन की सीमा लगती ही नहीं, भारत के साथ तो तिब्बत की सीमा लगती है, तिब्बत एक अलग देश है और 1950 के दशक में चीन ने तिब्बत पर कब्ज़ा किया है ।
दलाई लामा ने कहा की पूरा का पूरा लद्दाख और अरुणांचल भारत के हिस्से थे है और रहेंगे, चीन तो भारत का पडोसी देश भी नहीं उसका सारा क्लेम झूठा है, उल्टा चीन ने ही तिब्बत पर कब्ज़ा कर रखा है।
दलाई लामा ने ये भी कहा की भले ही तिब्बत की धरती पर चीन का कब्ज़ा है पर तिब्बत के लोग चीन के साथ नहीं बल्कि भारत के साथ खड़े है और हर मंच पर वो भारत का ही साथ देंगे ।
There was no India-China border in history, only an India-Tibet border, until Communist China gobbled up Tibet. To deal with the occupier's expanding claim lines in the Himalayas, India must leverage the Tibetan government-in-exile's stance on the border. https://t.co/bI9iuUMwdX
— Brahma Chellaney (@Chellaney) June 7, 2020
आपकी जानकारी के लिए बता दें की चीन और भारत पडोसी देश नहीं है, भारत की सीमा चीन के साथ नहीं लगती, आज जिस सीमा को भारत चीनी सीमा कहते है असल में वो तिब्बत की सीमा है ।
भारत का पडोसी देश चीन नहीं बल्कि तिब्बत है और चीन ने तिब्बत पर कब्ज़ा कर रखा है, तिब्बत के नेता दलाई लामा ने स्पष्ट कर दिया है की लद्दाख और अरुणांचल हमेशा से भारत के ही हिस्से थे और भारत और तिब्बत पडोसी देश थे ऐसे में चीन का सारा क्लेम झूठा है।
