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भारतीय सेना की लद्दाख में तैनाती होते ही जिनपिंग ने कहा - "हम युद्ध थोड़े चाहते है, विवाद बातचीत से ही सुलझेगा"


चीन की हेकड़ी को पूरी तरह निकाल दिया गया है, चीन एक कायर देश है और ये बात एक बार फिर साबित हुई है, डोकलाम में भी ये बात पहले साबित हो चुकी है और लद्दाख में भी ये बात अब साबित हो चुकी है ।

चीन ऐसा कायर है की वो सीधे न तो ताइवान से लड़ सकता है न वियतनाम से तो भारत तो दूर की बात है, इसी कारण कायर चीन पाकिस्तान की फंडिंग करता है ताकि पाकिस्तान भारत से लड़े ।

चीन वो भोंकने वाला कुत्ता है जिसमे काटने की हिम्मत नहीं, वो भोंकता है अगर आप डर गए तो वो और भोंकेगा, लेकिन अगर आपने उसे जोर की लात मार दी तो वो काय काय करता भाग खड़ा होगा और ऐसा ही लद्दाख में हुआ ।

भारत को डराने के मकसद से चीन ने सिक्किम और लद्दाख सीमा पर तनाव फैलाना शुरू कर दिया, चीन ने लद्दाख में 7 हज़ार सैनिक और 20 के आसपास लड़ाकू विमान तैनात कर दिए और मांग करने लगा की भारत सीमा तक कंस्ट्रक्शन का काम रोक दे ।

चीन भारत को डराना चाहता था पर भूल गया था की अभी मनमोहन सिंह की सरकार नहीं चल रही, मोदी सरकार ने चीन की बात मानने से साफ़ इंकार कर दिया और ये भी कह दिया की निर्माण कार्य भारत अपनी सीमा में कर रहा है जिसका भारत को पूरी आज़ादी है और निर्माण कार्य को और तेज किया जायेगा ।
इसके साथ साथ भारत ने भी लद्दाख की सीमा पर गोला बारूद और सैनिको की तैयारी चीन के बराबर ही कर दी, और इसके बाद जो हुआ वो देखने लायक था ।
पहले अपनी सेना को तैनात कर चीन ही युद्ध का माहौल बनाकर भारत को डराना चाहता था, भारत डरा नहीं और अपनी सेना की भी तैनाती कर दी तो अब चीन का राजदूत अलग ही सुर में बोलने लगा ।

भारतीय सेना की तैनाती से चीन के सुर ही बदल गए और अब चीन कह रहा है की वो युद्ध थोड़े चाहता है, चीनी राजदूत जो की भारत में जिनपिंग का प्रतिनिधि है उसने कहा की - चीन कोई युद्ध नहीं चाहता, युद्ध किसी विवाद का हल नहीं है, विवाद का हल तो बातचीत से ही निकलेगा।

कायर चीन अब बातचीत चाहता है।