प्रेरणा :
जो भी कार्य आपको अच्छा लगे, उससे प्रेरणा लें ! यदि आप अखवार, पुस्तकें आदि पढ़ने की आदत डालते हैं, तो आप रोजाना नए विचार धारण कर सकते हैं ! अच्छी और बुरी दोनों बातों से कुछ सीखने का प्रयत्न करें, इससे आप यह अनुमान लगा सकतें हैं, कि अच्छे और बुरे में अंतर क्या है ! अच्छी जानकारी को धारण करें, और उस पर चलने का प्रयत्न करें !
आराम का अनुभव :
पूरे दिन बहुत से ऐसे कार्य होते हैं, जिनमे आपकी खुशी और दर्द छुपा होता है ! ख़ुशी को सम्भालिए और दर्द को काबू में करें ! स्वस्थ रहने के लिए दर्द को क्षण भर के लिए रखें और त्याग दें, यदि आप इसे ख़ुशी की तरह संभालेगे तो ये और बढ़ने की सम्भावना है !
अच्छे लोगों का साथ :
हमेशा उन्ह लोगों के साथ रहें जो आपको सकारात्मक ऊर्जा देते हैं, उन्ह लोगों को तुरंत एक तरफ करें, जो आपको खुश करने का प्रयत्न तो क्या बल्कि नकारात्मक दृष्टि से देखते हैं और प्रयत्न करें कि उनकी नकारात्मक सोच आप पर प्रभावी न हो ! हमेशा सकारात्मक लोगों के आसपास रहें !
भावुकता और दयालुता :
किसे के दर्द को देख भावुक होना ये आपकी दयालुता को दर्शाता है, यदि आप समर्थवान हैं तो तुरंत उसकी मदद के लिए हाथ बढ़ाएं ! दयालुता किसी के लिए भी होना जरूरी है ! हालाँकि इसकी शुरुआत भी आप अपने आप से करें, खुद के प्रति दयालु रहें दूसरों की भावनाओं की कदर करें।
विश्वास :
खुद पर विश्वास रखें, दूसरा का विश्वास जीतें ! यदि तुम खुद पर विश्वास न करके सफलता चाहते हो, तो ये नामुमकिन सा है ! क्योकि आपका विश्वास ही तो आपको दिशा दिखाता है ! आस्थावान बने, भगवान् की रची इस सृष्टि और प्रकृति का अनुभव कर आनद लें और भगवान् पर भरोसा रखें !
